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Toggleम्यूच्यूअल फंड का परिचय(Introduction of mutual fund)
आज के इस पोस्ट मे मै आपको म्यूचुअल फ़ंड क्या होता है(What is Mutual fund) और यह कितने प्रकार के होते है, इसके बारे मे जानकारी दूंगा |
Mutual fund निवेश का ऐसा माध्यम है जहां बहुत सारे लोग एक साथ मिलकर अपना पैसा कई प्रकार की एसेट में निवेश करते हैं।इसका उद्देश्य निवेशकों को उनके रिटर्न की सुरक्षा और विभिन्न निवेश अवसरों से जोड़ना होता है।
निवेशक हर प्रकार के फंडों में निवेश करना चुन सकते हैं, जैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड(Equity mutual fund), डेट म्यूचुअल फंड(Debt mutual fund) और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड(Hybrid mutual fund)।
उनके पास अनुभवी फंड मैनेजर के साथ काम करके अपना निवेश बढ़ाने का भी मौका होता है।
म्यूचुअल फंड व्यक्तियों को उन निवेश अवसरों तक पहुंचने की अनुमति देकर लाभ प्रदान करते हैं जो उनके लिए उपलब्ध नहीं होते हैं इसके अतिरिक्त, वे निवेश पोर्टफोलियो के विविधीकरण की अनुमति देते हैं। इससे व्यक्तियों के लिए सीधे शेयर बाज़ार में निवेश करने की जरूरत नहीं होती हैं |
Mutual fund का हिंदी में मतलब मिला हुआ फंड होता है।यह तब होता है जब बहुत सारे लोग एक साथ आते हैं और अपना पैसा साझा करते हैं। वे अपना सारा पैसा एक साथ रखते हैं और इसे शेयर बाजार या अन्य निवेशों में निवेश करते हैं।
ऐसा करने से सभी का पैसा एक साथ मिलकर एक समूह के रूप में निवेश किया जाता है और जब लाभ होता है,तो इसे सभी के बीच इस आधार पर दे दिया जाता है कि उन्होंने कितना पैसा लगाया है।
कुछ लोग दूसरे लोगों को अपना पैसा निवेश करने में मदद करते हैं। वे एक टीम के रूप में काम करते हैं, जिसमें एक लीडर होता है जिसे फंड मैनेजर कहते है। वे अपने ज्ञान का उपयोग लोगों के पैसे को इस तरह से निवेश करने के लिए करते हैं जिससे उन्हें अधिक पैसा मिले और बहुत ज्यादा नुकसान न हो।
वे यह देखते हैं कि कंपनियों ने अतीत में कैसा प्रदर्शन किया है और वे भविष्य में कैसा प्रदर्शन करेंगी, यह तय करने के लिए कि उन्हे कहां निवेश करना है|
Mutual fund हमारे पैसे को निवेश करने का एक विशेष तरीका है। भले ही हमारे पास बहुत सारा पैसा न हो, फिर भी हम निवेश से लाभ उठा सकते हैं।
म्यूचुअल फ़ंड कैसे काम करता है ? (How mutual funds work)

Mutual fund मे निवेशक अपना पैसा फ़ंड मैनेजर को देते है | यह पैसा फ़ंड मैनेजर अलग अलग तरह की कंपनीयो की सीक्योरटीज़ मे इन्वेस्ट करते है जिससे रिस्क कम हो जाता है |
उस पैसे से निवेशको को उस फ़ंड की यूनिट मिलती है यूनिट मे NAV (एनएवी) आधार होती है जिससे म्यूचुअल फ़ंड को खरीदा या बेचा जाता है |
निवेशक म्यूचुअल फ़ंड मे जितना निवेश करता है NAV के आधार पर यूनिट निवेशक के खाते मे आ जाती है |
उस पैसे से जो कमाई (रिटर्न) होती है वह पैसे वापस निवेशको मे उसी हिसाब से दे दिया जाता है जितना निवेशकों ने लगाया होता है | इस तरह से mutual fund काम करता है |
म्यूचुअल फ़ंड जरूरी क्यो है ?(Why mutual fund is important)
अब मै आपको Mutual fund Benefits के बारे मे बताता हू |
यह पैसा बचाने का सबसे अच्छा ऑप्शन है क्योंकि इसमे एसआईपी के द्वारा निवेश करने से एक साथ पैसा नहीं देना पड़ता और आप अपनी सुविधा अनुसार अपना पैसा इन्वेस्ट करने का समय चुन सकते है और अपनी बचत अनुसार अपना कितना पैसा इन्वेस्ट करना है यह भी चुन सकते है।
जब कभी जरूरत के अनुसार थोड़ा या सारा पैसा निकालना हो तो कभी भी निकाल सकते है। हम इसको कुछ समय के लिए रोक सकते है और दुबारा भी शुरू कर सकते है और lumpsum investment भी डाल सकते है |
जिन लोगो को शेयर मार्केट से डर लगता है और वह फिर भी शेयर मार्केट मे इन्वेस्ट करना चाहते है उनके लिए म्यूचुअल फ़ंड निवेश का अच्छा विकल्प है | वह लोग इसमे इन्वेस्ट कर सकते है क्योंकि इसमे उनको कोई भी खास नॉलेज की जरूरत नहीं होती बस जल्दी स्टार्ट करना जरूरी होता है और हर महीने अपना पैसा इन्वेस्ट करना होता है |
इसमे आपको पावर औफ कपाउंडिंग (Power Of Compounding) का भी फायदा मिलता है |
अगर आपको Income Tax मे छूट लेनी होती है तो म्यूचुअल फ़ंड के (ELSS) ईएलएसएस स्कीम मे निवेश करने से Tax मे छूट मिल सकती है |
जिसमे एक साल के लिए आप 1.5 लाख रुपए तक अपने पैसे को इन्वेस्ट कर सकते है जिससे आपको छूट भी मिल जाती है और आपका मार्केट मे पैसा इनवेस्ट हो के आपको अच्छा खासा रिटर्न भी मिलता है।
म्यूचुअल फ़ंड की ELSS की स्कीम 3 साल के लिए लोक (lock) रहती है जो Govt. Income Tax के Section 80C मे Tax छूट मे सबसे कम है |
अगर आप एक साल से ज्यादा समय तक निवेशित रहते है तो आपको कोई भी Tax पे नहीं करना पड़ता |
अगर आप एक साल से कम पीरियड मे जरूरत पड़ने पर पैसा निकालते है तो 1% के आसपास चार्ज लगता है |
म्यूचुअल फ़ंड मे पैसा निवेश करते समय अगर बाज़ार गिरता है और स्कीम की NAV मे गिरावट आती है तो ज्यादा यूनिट्स मिलेंगी जिससे आपको ज्यादा निवेश करने का मौका मिलता है और अगर बाज़ार मे उछाल आता है तो हमारी यूनिट्स की वैल्यू बढती है और आपको इसका फायदा मिलता है क्योंकि आप हर लेवल पर मार्केट मे इन्वेस्ट कर रहे है |
इससे आपके पैसे की रूपीस कोस्ट एवरेजिग (Rupees Cost Averaging) हो जाती है यानि हमारी खरीदने की वैल्यू कम हो जाती है जिससे हमारा रिटर्न बढने के चान्स ज्यादा हों जाते है |
आप एक डिसिप्लिन मे इन्वेस्ट करना सीख जाते है इसका फायदा यह होगा आप सेविंग पहले करते है और खर्चा बाद मे करते है जो एक अच्छा कदम है इससे भविषय मे कोई financial problem नहीं आती है |
इसमे आप छोटे राशि से भी इनवेस्टमेंट शुरू कर सकते हो |
जो लोग नौकरी करते है उनके लिए म्यूचुअल फ़ंड मे पैसा बचाने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इससे वह हर महीने अपनी बचत कर सकते है और बहुत पैसे इकट्ठा कर सकते है |
एनएवी क्या है ? (What is NAV in mutual fund)
म्यूचुअल फंड की एक यूनिट की कीमत को एनएवी (Net Asset Value) कहते हैं।
यह NAV ही उस म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रदर्शन को बताता है कि म्यूचुअल फंड कितना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
म्युचू्अल फंड लोगो से एकत्रित हुए धन को बाज़ार में निवेश करता है | दूसरे शब्दों मे कहे तो (NAV) नेट असेट वैल्यू स्कीम द्वारा लिए गए स्टॉक और बॉन्ड का बाज़ार मूल्य होता है |
क्योंकि स्टॉक का बाज़ार मूल्य हर दिन बदलता रहता है, इसलिए किसी स्कीम की एनएवी भी प्रीतिदिन बदलती रहती है.|
म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of mutual fund schemes)
ऐसेट क्लास के आधार पर हर तरह के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत मे विभिन्न प्रकार के Mutual fund मौजूद हैं।
जो मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं।

(1)डेट फ़ंड (Debt Mutual Fund)
जब लोग अपना पैसा डेट फंड में डालते हैं, तो फंड मैनेजर पैसे का उपयोग दूसरों को उधार देने या सरकार से बांड खरीदने के लिए करता है।
ये चीजें ज्यादा जोखिम भरी नहीं हैं. जो लोग अपना पैसा सुरक्षित रखना चाहते हैं डेट फंड उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है वह जानते हैं कि उन्हें कितना पैसा वापस मिलेगा |

(a). लिक्विड फ़ंड (Liquid Mutual Fund)
यदि आप अपना पैसा सुरक्षित रखना चाहते हैं और बहुत अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते , तो आप इसे लिक्विड फंड में डाल सकते हैं।
ये फंड आपके पैसे को थोड़े समय के लिए उधार देने वाले बोण्ड्स ,सेक्यूरिटीस में डालते हैं यह निवेश करने का एक सुरक्षित और सस्ता तरीका है।
(b). सरकारी सुरक्षा बांड :(Government Security Bond)
यह सरकारी सुरक्षा बॉन्ड्स एक प्रकार के निवेश होते हैं जो सरकार द्वारा जारी होते हैं और सुरक्षित होते है ।
इस बॉन्ड्स से सरकार पैसे जुटाती हैं, जिसमें निवेशक अपने पैसे को सरकार को उधार देते हैं और उन्हें ब्याज द्वारा आय मिलती है|
इसमे जब निवेश किया जाता हैं, तो Mutual fund कंपनियाँ निवेशकों के पैसे को विभिन्न प्रकार के सरकारी सुरक्षा बॉन्ड्स में निवेश करती हैं और उन्हें बॉन्ड्स के ब्याज से आय होती है।
ऐसा निवेश निवेशकों के लिए सुरक्षित होता है क्योंकि इन बॉन्ड्स का प्रमुख अंश सरकारी होता है इसमे कोई रिस्क नहीं होता ,और ये बॉन्ड्स स्थिर और पैसे की बढ़ोतरी के उपाय के रूप में जाने जाते हैं।
(c). कैपिटल प्रोटेक्शन फ़ंड( Capital Protection Fund)
इस फ़ंड का लक्ष्य पैसा कमाना और यह सुनिश्चित करना है कि पैसा सुरक्षित रहे।
कुछ पैसे का उपयोग स्टॉक और बॉन्ड मे किया जाता है, जिससे अधिक पैसा कमाया जाए।
खाते के फ़ंड मैनेजर को सावधान रहना होता है कि वह पैसे के साथ बहुत अधिक जोखिम न उठाए |
(d). फिक्सड मैच्योरिटी प्लान (Fixed Maturity Plan)
fixed maturity plan mutual fund की इस योजना में पैसे को एक विशेष प्रकार के फंड में निवेश किया जाता है जो समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ता है।
फ़ंड मैनेजर को ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता क्योंकि योजना मे पहले से ही तय होता है कि कहां निवेश करना है। इस योजना मे ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं होते हैं |
Conclusion
आज के इस पोस्ट से मैंने आपको यह जानकारी देने की कोशिश की कि Mutual fund क्या होते है, यह कैसे काम करते है, Mutual fund कितने प्रकार के होते है , NAV क्या होती है ,Debt mutual fund क्या होते है |
अगले पोस्ट मे मै आपको म्यूचुअल फ़ंड के इतिहास के बारे मे जानकारी दूंगा |
अगर आपको मेरी यह पोस्ट पसंद आई हो तो आप अपने दोस्तो और जानकारो को यह जरूर शेयर करे ताकि उन्हे म्यूचुअल फ़ंड के बारे मे जानकारी मिल सके |अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो मुझे जरूर अवगत कराए |
इस पोस्ट को लास्ट तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद |
नोट –यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियो के आधार पर बनाया गया है ,हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेसियल ऍडवाइज नहीं दी जाती | Mutual fund में निवेश करने से पहले निवेशको को सारे दस्तावेज और फंड्स से जुडी सारी जानकारी अच्छी तरह से पढ़ लेनी चाहिए |
Last modified: May 19, 2024