Written by 3:23 pm Mutual funds

History of mutual fund in India.

History of mutual fund in india

आज आप History of Mutual fund in India मतलब भारत मे म्यूचुअल फ़ंड का इतिहास के बारे मे जानेंगे | म्यूचुअल फ़ंड का इतिहास बहुत पुराना है |

1963 मे यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (यूटीआई)(UTI) को शुरू किया गया इसे भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक ने मिलकर बनाया था ताकि लोग निवेश और बचत करने के लिए प्रेरित हों सके।

यह लोगों को कंपनी की आय, मुनाफे , स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्तियो को खरीदने और बेचने से मिलने वाले लाभ का हिस्सा बनने की अनुमति देता है।

History of mutual fund को हम पाँच चरणो मे बाँट सकते है जो इस प्रकार है |

1963 में संसद द्वारा यूटीआई की स्थापना करके भारत में म्यूचुअल फंड का व्यवसाय शुरू हो गया था ।

शुरू में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) UTI पर नियंत्रण और संचालन करता था। हालाँकि 1978 में यूटीआई को आरबीआई से अलग कर दिया गया और भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) ने प्रबंधन करने और सभालने का कार्ये अपने हाथो मे ले लिया।

यूटीआई की पहली यूनिट स्कीम का नाम 1964 (US ’64) था। UTI ने 1988 के अंत तक 6,700 करोड़ रुपये की संपत्ति बना ली थी।

दूसरा चरण-1987 से 1993 (History of mutual fund in India)

1987 में, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), भारतीय सामान्य बीमा निगम (GIC) और सरकारी बैंकों ने सार्वजनिक क्षेत्र के म्यूचुअल फंड की शुरुआत की।

जून 1987 में पहला गैर-यूटीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) एसबीआई म्यूचुअल फंड बना।

इसी क्रम में कैनरा बैंक म्यूचुअल फंड, पंजाब नेशनल बैंक म्यूचुअल फंड, इंडियन बैंक म्यूचुअल फंड, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा म्यूचुअल फंड ने अपना स्थान बनाया।

एलआईसी म्यूचुअल फंड जून 1989 में शुरू हुआ था, जबकि जीआईसी म्यूचुअल फंड दिसंबर 1990 में शुरू हुआ था।

1993 के अंत तक, म्यूचुअल फंड क्षेत्र में 47,004 करोड़ रुपये की संपत्ति हो गयी थी।

तीसरा चरण-1993 से 2003 (History of mutual fund in India)

सेबी को अप्रैल 1992 में शेयर बाजार में निवेशकों की खोज करने, उसे विकसित करने में मदद करने और उस पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था। इस कदम ने भारतीय शेयर बाजार को बहुत बढ़ाया।

1993 में, यूटीआई को छोड़कर सेबी ने पहली बार म्यूचुअल फंड नियम बनाए।

जुलाई 1993 में एक निजी क्षेत्र म्यूचुअल फ़ंड की स्थापना हुई; इसका पहला नाम कोठारी पायनियर था, लेकिन बाद में यह फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फ़ंड में विलय हो गया।

1993 में, निजी क्षेत्र के फंडों ने भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में प्रवेश किया और भारतीय निवेशकों को म्यूचुअल फंड मे पैसा इन्वेस्ट करने की काफी स्कीमे दी | यह एक नयी शुरुआत का दौर था।

1996 में सेबी (म्यूचुअल फंड) नियमो को 1996 के साथ मूल सेबी म्यूचुअल फ़ंड नियमों को बदल दिया गया जो आज भी काम करते हैं।

हाल ही में म्यूचुअल फ़ंड की संख्या बढ़ी है, और भारत में बहुत से म्यूचुअल फ़ंड अब देश के बाहर के स्पोन्सर्स द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं। इस दौरान म्यूचुअल फ़ंड कारोबार में भी कई अधिग्रहण और विलय हुए।

Jan 2003 तक, 33 म्यूचुअल फ़ंड कुल 1,21,805 करोड़ रुपये की प्रबंधन करने की संपत्ति (AUM) रखते थे, UTI अकेले 44,541 करोड़ रुपये की संपत्ति AUM रखता था।

चौथा चरण- 2003-2014 (History of mutual fund in India)

1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया अधिनियम पारित होने के बाद यूटीआई को दो भागों में अलग किया गया | यूटीआई म्यूचुअल फंड और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (एसयूयूटीआई) सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों का पालन करते हैं।

म्यूचुअल फंड उद्योग विकास के चौथे चरण में प्रवेश कर गया, जैसे ही पुराना यूटीआई बेचा गया वह निजी क्षेत्र के फंडों में विलय हो गया ।

2009 में भारी आर्थिक मंदी के बाद, शेयर बाजार भारत में भी गिर गए। बहुत से लोगों ने शेयर बाजार में बहुत पैसा खो दिया जिससे उनका विश्वास म्यूचुअल फंडों पर से गिर गया।

भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग की स्थिति और खराब हो गई जब ग्लोबल वित्तीय गड़बड़ी और सेबी ने एंट्री लोड को कम करने का निर्णय लिया। इसको वापस लौटने और फिर से पैसा कमाना शुरू करने में दो साल से अधिक का समय लग गया ।

2010 से 2013 तक म्यूचुअल फंड उद्योग में प्रबंधन करने वाली संपत्तियों की धीरे धीरे वृद्धि हो पायी |

पांचवां चरण- 2014 से अब तक(History of mutual fund in India)

सितंबर 2012 में सेबी ने भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग को बढ़ावा देने और अधिक लोगों को इन्वेस्टमेंट के बारे मे जागरूक करने के लिए, छोटे शहरों में म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए कुछ अच्छे विचार पेश किए।

ये विचार सभी को एकजुट करने और सभी को जागरूक करने के बारे में थे । इन उपायों ने समय के साथ विश्वव्यापी संकट के बाद शुरू हुई गिरावट को रोका।

केंद्र में नई सरकार बनने के बाद स्थिति काफी सुधर गई। मई 2014 से, उद्योग लगातार पैसा कमा रहे है, और निवेश खातों और प्रबंधन के तहत धन दोनों बढ़ रहे हैं।

सितंबर 2012 में सेबी द्वारा उठाए गए कदमों ने छोटे शहरो मे रहने वाले लोगो को जहा पर म्यूचुअल फ़ंड बहुत लोकप्रिय नहीं थे उनके हित के लिए काफी कदम उठाए जिससे सेबी की कोशिशों ने म्यूचुअल फंड उद्योग को पुनर्जीवित किया।

31 मई 2014 को, उद्योग की प्रबंधन संपत्ति पहली बार 10 ट्रिलियन (10 लाख करोड़) रुपये को पार कर गई। AUM का आकार केवल तीन वर्षों में दोगुना से अधिक हो गया और अगस्त 2017 में 20 ट्रिलियन (20 लाख करोड़)रुपये तक पहुंच गया। नवंबर 2020 में एयूएम पहली बार 30 ट्रिलियन (30 लाख करोड़)रुपये से अधिक हो गया ।

पिछले पांच वर्षों में 31 अगस्त 2023 तक प्रति महीने औसतन 12.95 मिलियन नए फोलियो जोड़े गए हैं। अगस्त 2018 मे 7.66 करोड़ निवेशक फोलियो थे जो बढ़कर 31 अगस्त, 2023 तक, निवेशकों का फोलियो लगभग दोगुना हो गया यानी 15.42 करोड़।

31 अगस्त, 2023 तक भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग 7.66 ट्रिलियन (7.6 लाख करोड़)रुपये से 46.63 ट्रिलियन (46.63 लाख करोड़)रुपये हो चुका है जो 10 वर्षों में 6 गुना से अधिक की वृद्धि है।

31 अगस्त, 2023 को 5 वर्षों में म्यूचुअल फ़ंड उद्योग का (AUM) एयूएम लगभग दोगुना हो गया, 25.20 ट्रिलियन (25.20 लाख करोड़)रुपये से 46.63 ट्रिलियन (46.63 लाख करोड़)रुपये हो गया।

म्यूचुअल फ़ंड वितरक, खासकर छोटे शहरों में, निवेशकों को सही योजनाओं से जोड़ने में मदद कर रहे हैं। यह सिर्फ उन्हें निवेश करवाने के बारे में नहीं है वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान अपना रास्ता न भूले, ताकि वे वास्तव में म्यूचुअल फंड में अपना पैसा बढ़ता हुआ देख सकें।

म्यूचुअल फ़ंड डीलरों की कोशिशों से हाल ही में एसआईपी बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। अप्रैल 2016 में एसआईपी खातों की संख्या एक मिलियन हो गई, और 31 अगस्त 2023 तक 6.97 मिलियन एसआईपी खाते थे।

Conclusion

इस पोस्ट मे मैंने आपको History of mutual fund in India के बारे मे बताया | इसमे मैंने म्यूचुअल फ़ंड के इतिहास के पांचों चरणो के बारे मे जानकारी दी साथ ही म्यूचुअल फ़ंड उद्योग का AUM के बारे मे भी बताया |

अगर आपको मेरी यह पोस्ट पसंद आई हो तो आप अपने दोस्तो और जानकारो को यह जरूर शेयर करे ताकि उन्हे म्यूचुअल फ़ंड के इतिहास के बारे मे जानकारी मिल सके अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो मुझे जरूर अवगत कराए |

अगले पोस्ट मै आपको इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड  , हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड के बारे मे जानकारी दूंगा |

इस पोस्ट को लास्ट तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद |

नोट –यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियो के आधार पर बनाया गया है ,हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेसियल ऍडवाइज नहीं दी जाती |म्यूचुअल फंड्ज में निवेश करने से पहले निवेशको को सारे दस्तावेज और फंड्स से जुडी सारी जानकारी अच्छी तरह से पढ़ लेनी चाहिए |

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Last modified: August 15, 2024

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