
आज के समय मे मार्केट मे पैसा इन्वेस्ट करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है क्या आप जानते है की म्यूचुअल फ़ंड मे एसआईपी क्या होता है (What is SIP) और यह क्यू करनी चाहिए ?
आज लोग स्टॉक मार्केट मे पैसा इन्वेस्ट करने के बारे मे सोचते है।अब लोग शेयर मार्केट मे निवेश करने के बारे मे उत्सुक रहते है मगर ज्यादा जानकारी न होने की वजह से वह दूसरो की सलाह से निवेश करने लगते है जो बहुत ही रिस्की है और इस वजह से वह नुकसान भी उठाते है |
इसलिए पैसा इन्वेस्ट करने से पहले आपको निवेश करने के बारे मे पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि आपको नुकसान न हो |
अब लोग म्यूचुअल फ़ंड मे SIP के मादयम से निवेश करने लगे है जो बहुत ही आसान है इसलिए आज हम जानेंगे की Full Form of SIP, SIP kya hai in hindi , SIP क्यू करनी चाहिए, एसआईपी के फायदे क्या है और इसके क्या नुकसान है । SIP को कैसे शुरू किया जा सकता है और भी बहुत जानकारी इस ब्लॉग मे मै आज आपको बताऊँगा |
आप एसआईपी (Systematic Investment Plan) से हर महीने म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगा सकते है | एसआईपी को 100 रूपए से भी शुरू किया जा सकता है | हम हर महीने अपने तय की हुई एसआईपी की राशि को अपने बैंक अकाउंट से कटवा सकते है | एसआईपी से हम म्यूचुअल फ़ंड मे मासिक, साप्ताहिक , त्रिमासिक या फिर रोजाना भी निवेश कर सकते है |
Table of Contents
ToggleFull form of SIP
SIP का इंग्लिश मे मतलब Systematic Investment Plan और हिन्दी मे ‘व्यवस्थित निवेश योजना’ होता है |
What is SIP ?
म्यूचुअल फंड में आप एक तय समय पर एक तय की गयी राशि का निवेश करते है | यह निवेश साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक हो सकता है इसे एसआईपी कहते है |
इसमे एक बार मे आप अपनी पूरी इन्वेस्टमेंट न देकर आप हर महीने अपनी सुविधा अनुसार तय की गयी राशि को निवेश करते है |
इस पूरे पैसे को एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी जिससे AMC भी कहते है कि अनुभवी और बेहतरीन टीम द्वारा मेनज किया जाता है और स्टॉक मार्केट मे लगाया जाता है |
पैसा इन्वेस्ट करने से निवेशको को हर महीने यूनिट्स मिलते है इन यूनिट्स की वैल्यू हर दिन बदलती रहती है |
अगर मार्केट नीचे की तरफ जाती है तो NAV की वैल्यू कम हो जाती है और आपको अधिक यूनिट मिलते है और अगर ऊपर की तरफ जाती है तो NAV की वैल्यू भी अधिक हो जाती है तो यूनिट कम मिलते है |
आपको नियमित रूप से जो राशि आपने फिक्स की है वह पैसा देना पड़ता है | आप अपने पैसे को कभी भी निकाल सकते है |
SIP Risk
एसआईपी मे रिस्क बहुत ही कम है क्योंकि जब आप हर महीने नियमित रूप से निवेश करते है तो मार्केट के उतार चढाव मे आप हर लेवेल पर अपना पैसा इन्वेस्ट कर रहे है |
जिस कारण से आपके पैसे की एवरेज हो जाती है और आपका परचेस वैल्यू बहुत कम हो जाती है और अगर मार्केट एक लेवल पर भी रहती है तो भी लंबे समय मे आपको हमेशा फायदा ही रहता है |
फिर भी इसमे कुछ रिस्क है जो मै आपको बताता हू अगर जिस म्यूचुअल फ़ंड मे आप पैसा लगा रहे है और वह कंपनी अपने निवेशको से कोई धोखा करती है या पेमेंट्स को लेकर कोई फ़्रऑड होता है या फ़ंड मैनेजर की तरफ से कोई नेगेटिव न्यूज़ आती है तो यह खतरा हो सकता है |
मगर ऐसे न्यूज़ कभी सुनने को नहीं मिलती क्योंकि इसको सेबी (Security Exchange Board of India) रेगुलेट करती है |
What documents are required to do SIP (एसआईपी मे निवेश करने के लिए किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ती है ?)
निवेशको को SIP में निवेश करने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट चाहिए | यह डॉक्यूमेंट म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए जरूरी होते है | जैसे –
आधार कार्ड (Aadhaar Card)
पैन कार्ड (Pen Card)
बैंक अकाउंट न (Bank Account No)
चेक बुक( Cheque Book)
बैंक अकाउंट स्टेटमेंट(Bank Account Statement)
पासपोर्ट फोटो (Passport Photo)
केवाईसी फोरम (KYC Form)
इन डॉक्यूमेंट की सहायता से SIP में निवेश किया जा सकता है। इसमे सबसे पहले केवाईसी (Know your customer) का फोरम भरना होता है |और इन डॉक्यूमेंट की वहा पर जरूरत पड़ती है |
केवाईसी के बिना आप निवेश नहीं कर सकते | KYC में आपको अपना नाम,पता,और अपनी एक Email ID, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और बैंक की डिटेल्स भरनी पड़ती है |
अब आप ऑनलाइन भी इस काम को घर बेठे कर सकते है और निवेश कर सकते है |
SIP me invest kaise kare (How to invest in SIP for beginners)

आज के समय मे आप बिना पेपर वर्क के घर बेठे ऑनलाइन की साहयता से किसी भी स्कीम मे अपनी सुविधा अनुसार इन्वेस्ट कर सकते है |
म्यूचुअल फ़ंड मे निवेश करना आसान है आप अपने मोबाइल की साहयता से किसी भी म्यूचुअल फ़ंड की एप को ओपन करके उसकी फ़ार्मैलिटी पूरी करके किसी भी स्कीम मे इन्वेस्ट कर सकते है।
आप My CAMS और KFINKART Investor की एप को ड़ाउनलोड करके और रजिस्ट्रेशन करके किसी भी स्कीम मे इन्वेस्टमेंट कर सकते है|
अगर आपको ऑफलाइन इनवेस्टमेंट करना हो तो किसी भी ब्रोकर ऐजंसी मे जाकर या जिस म्यूचुअल फ़ंड मे आप इनवेस्टमेंट करना चाहते है आपके नजदीक उसके ऑफिस मे जाकर फॉर्म भरकर भी और सारी फ़ार्मैलिटी करके इनवेस्टमेंट कर सकते है |
आप cams या karvy के ऑफिस मे जाकर कोई भी म्यूचुअल फ़ंड स्कीम मे इन्वेस्टमेंट कर सकते है |
Types of SIP (SIP के प्रकार)

निवेशको की जरूरतो के मुताबिक SIP के कई प्रकार उपलब्ध है |
1.फ़िक्स्ड एसआईपी (Fixed SIP):इसमे निवेशक एक नियमित अंतराल पर फ़िक्स्ड की हुई राशि को निवेश करता है |बाज़ार की किसी भी स्थिति मे तय की गयी राशि फ़िक्स्ड रहती है और अपनी अवधी के दौरान उसका अमाउट नहीं बदलता |
2 फ्लेकसिबल एसआईपी (Flaxible SIP):इस एसआईपी मे लचिलापन होता है इसमे निवेशक अपनी सुविधा अनुसार एसआईपी का अमाउट घटा या बढा सकता है |
3 स्टेप अप एसआईपी (Step Up SIP):अगर आपके पास कभी इकट्ठा पैसा आता है जैसे बोनस आदि और आप निवेश करने की सोच रहे है तो आप शुरू में छोटी राशि से निवेश शुरू करे | इसमे धीरे- धीरे आप एसआईपी का अमाउट एक तय समय पर घटा या बढा सकते है।
4.टॉप अप एसआईपी (Top Up SIP):यह निवेशको को अपने निवेश मे और अधिक निवेश को जोड़ने का अवसर देता है |
SIP benefits in hindi (एसआईपी के फायदे)

अब मै आपको SIP Benefits के बारे मे बताता हू |
SIP मे आप कम से कम 100 रुपए महीने के हिसाब से इनवेस्टमेंट कर सकते है | इसमे आप हर महीने कम से कम पैसे से SIP शुरू कर सकते है जो की हर वयक्ति के लिए सुविधाजनक है |
6 महीने निवेश करने के बाद आप सिप को रोक भी सकते है और कुछ समय बाद दुबारा शुरू कर सकते है या उसी पैसे को निवेशित रख सकते है | हर तरह से आप अपने अनुसार इसमे निवेशित रह सकते है |
SIP मे आप अपने निवेश करने वाले पैसे की राशि को बढ़ा भी सकते है और जरूरत पड़ने पर घटा भी सकते है |
यह पैसा बचाने का सबसे अच्छा ऑप्शन है क्योंकि इसमे एक साथ पैसा नहीं देना पड़ता और आप अपनी सुविधा अनुसार अपना पैसा इन्वेस्ट करने का समय और अपनी बचत अनुसार अपना कितना पैसा इन्वेस्ट करना है यह चुन सकते है।
SIP मे lumpsum investment भी डाल सकते है | SIP मे कम से कम 6 महीने निवेश करना जरूरी होता है |
इसमे आपको कोई भी खास नॉलेज की जरूरत नहीं होती बस जल्दी स्टार्ट करना जरूरी होता है और हर महीने अपना अमाँउट इन्वेस्ट करना होता है | जो लोग शेयर मार्केट से डरते है और फिर भी शेयर मार्केट मे इन्वेस्ट करना चाहते है उनके लिए SIP से निवेश करने का अच्छा विकल्प है वह लोग इसमे इन्वेस्ट कर सकते है|
इसमे आपको पावर औफ कपाउंडिंग (Power Of Compounding) का भी फायदा मिलता है |
SIP करते समय अगर यदि बाज़ार गिरता है और स्कीम की NAV मे गिरावट आती है तो आपको ज्यादा यूनिट्स मिलेंगी | आप ज्यादा निवेश कर सकते है और अगर बाज़ार मे उछाल आता है तो हमारी यूनिट्स की वैल्यू बढती है और आपको इसका फायदा मिलता है क्योंकि आप हर लेवल पर मार्केट मे इन्वेस्ट कर रहे है |
इससे आपके पैसे की रूपीस कोस्ट एवरेजिग (Rupees Cost Averaging) हो जाती है यानि आपके खरीदने की वैल्यू कम हो जाती है जिससे आपका रिटर्न बढने के चान्स ज्यादा हों जाते है |
आप एक डिसिप्लिन मे इन्वेस्टमेंट करना सीख जाते है | इसका फायदा यह होगा कि आप सेविंग पहले करते है और खर्चा बाद मे करते है जो एक अच्छा कदम है इससे भविषय मे कोई financial problem नहीं आती है |
इसमे आप अपनी सुविधा अनुसार Daily SIP, Monthly Sip, Quaterly SIP कोई भी ऑप्शन चुन सकते हो |
जो लोग नौकरी करते है उनके लिए एसआईपी के जरिए पैसा बचाने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इससे वह हर महीने अपनी बचत कर सकते है और पैसे इकट्ठा कर सकते है |
SIP से आप अपने लक्ष्यो को जल्दी से हासिल कर सकते है |
Disadvantage of SIP (SIP के नुकसान)
यदि आप एसआईपी मिस करते है तो इसका नुकसान उठाना पड सकता है| अगर थ्री मंथ लगातार एसआईपी मिस हो जाती है तो एसआईपी स्टॉप हो जाती है और आपको दुबारा सारी प्रोसैस करनी पड़ सकती है और आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है |
आपको हर महीने अपने पैसो का इन्तजाम करना पड़ता है अगर आपकी आय रेगुलर नहीं है तो एसआईपी बाउन्स हो सकती है जिससे आपका बैंक आपको चार्जेस लगा सकता है |
कई बार बाजार में बहुत उतार चढाव आ जाता है और उस टाइम अगर पैसे की जरूरत हो तो हमे अच्छा रिटर्न नहीं मिलते और हमे नुकसान भी उठाना पड़ता है |
डायरैक्ट इनवेस्टमेंट करते टाइम कई बार निवेशक अपनी रिस्क के अनुसार सही स्कीम का चयन नहीं कर पाते जिससे उसको नुकसान उठाना पड़ता है |
SIP bounce होने पर क्या नुकसान हो सकते है ?
SIP में पेमेंट ECS (Electronic Clearing System) के माधयम से जाती है जिससे आपका पैसा दी हुई तारिख पर अपने आप आपके अकाउंट से कट (Debit) हो जाता है |
लेकिन अगर आपके अकाउंट मे किसी कारनवश पैसा नहीं है तो एसआईपी बाउन्स हो जाती है और बैंक आपसे चार्ज वसूलता है और अकाउंट (–) (माइनस) मे भी शो हो सकता है |
इसलिए यह आपको कन्फ़र्म रहना चाहिए कि जब आपकी एसआईपी आपके अकाउंट से कटे तो एसआईपी की राशि आपके अकाउंट बैलेन्स मे हो जिससे आपको परेशानी का सामना नहीं करना पड़े |
Remember Point (एसआईपी के लिए प्वाइंट याद रखें )
अपना लक्षय चुन कर ही हमे एसआईपी करनी चाहिए जैसे बच्चे की पढाई , घर खरीदना , गाड़ी खरीदना या बच्चे की शादी के लिए पैसे जोड़ना |
आपको कोशिश करनी चाहिए जब तक आपका लक्षय नजदीक न आ जाए तब तक पैसा न निकाले क्योंकि पैसा निकलने से यह नुकसान है कि आपको पावर ऑफ कोम्पौंडिंग का फायदा नहीं मिल पाता और आपका पैसा ग्रो करना बंद कर देता है इसलिए SIP हर हाल में जारी रखे जिससे आप लंबी अवधि मे मालामाल हो सकते है |
अगर Large Cap Fund में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो 3 साल के लिए निवेश करो और अगर Mid Cap Fund में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो 5 साल के लिए निवेश करो और अगर Small Cap Fund में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो 7-8 साल के लिए निवेश करो इससे आपको SIP की कम्पाउंडिंग का लाभ जरूर मिलेगा |
किसी स्कीम मे एसआईपी को करते समय 5 बातों का ध्यान रखे |

प्रदर्शन (Performance) :किसी भी म्यूचुअल फ़ंड स्कीम को चुनते समय उस स्कीम का पिछला प्रदर्शन जरूर देखना चाहिए मगर यह भविष्य मे ऐसा ही प्रदर्शन करेगा यह जरूरी नहीं है |
तुलना (Comparision) :किसी स्कीम मे निवेश करने से पहले आपको उसके बेंचमार्क इंडेक्स से Comparision जरूर करनी चाहिए |
रिटर्न (Return) :हमे किसी स्कीम मे इन्वेस्ट करते समय उसका Best return on investment देखना चाहिए मगर यह सोच के ही निवेश नहीं करना चाहिए की उस स्कीम ने ज्यादा रिटर्न दिया है हमे यह भी देखना चाहिए की फ़ंड ने रिटर्न देते के लिए कितना जोखिम उठाया है।
फंड प्रबंधन (Fund Management System) :आपको म्यूचुअल फ़ंड चुनते समय फ़ंड मैनेजर के अनुभव देखने चाहिए और यह भी देखना चाहिए की वह फ़ंड हाउस कितना मजबूत है |
लागत (Costing) : आपको यह भी ध्यान देना चाहिए की फंड्ज की कितनी लागत है। अगर किसी स्कीम ने अच्छा रिटर्न दिया है मगर उसकी लागत ज्यादा है तो वह फ़ंड सही नहीं है। हमे ऐसा फ़ंड चुनना चाहिए जिसकी लागत कम हो और अच्छा रिटर्न दिया हो |
पूछे जाने वाले प्रश्न--
Q 1. क्या मुझे एसआईपी के लिए एसआईपी कि तिथि पर लॉग इन करना पड़ेगा ?
Ans. नहीं, जब आप एसआईपी करते है तो आपको बार बार लॉगिन करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह पैसा औटोमटिक्क्ली आपके खाते से कटता है |
Q 2. कम से कम कितने समय तक हम अपनी एसआईपी को कंटिन्यू कर सकते है ?
Ans. कम से कम आप 6 महीने की एसआईपी को कंटिन्यू कर सकते है |
Q 3. दिन के किस टाइम पर मै एसआईपी के लिए रिकुएस्ट कर सकता हू ?
Ans आप दिन मे कभी भी मार्केट खुलने पर भी एसआईपी करवा सकते हैं।
Q4. महीने की कितनी तारीख तक मै एसआईपी कि डेट चुन सकता हू ?
Ans आप 1 से लेकर 28 तारीख तक कोई भी तारीख चुन सकते है |
Q 5. क्या सनडे को भी एसआईपी का अमाऊंट कटता है ?
Ans नहीं,सनडे को या कोई भी छुट्टी के दिन एसआईपी का अमाऊंट नहीं कटता | अगले दिन आपका एसआईपी का अमाऊंट कटेगा और उसी दिन की NAV आपको मिलेंगी |
Q 6. हमे NAV दिन मे किस समय की मिलती है ?
NAV की कैलक्युलेशन मार्केट बंद होने के बाद होती है उसके बाद आपको यूनिट अलोट होती है |
Conclusion
इस पोस्ट मे मैंने यह बताया कि SIP full form in mutual fund, SIP kya hota hai , How to invest in SIP online , एसआईपी कैसे शुरू करे , एसआईपी के फायदे, एसआईपी के नुकसान, एसआईपी के रिस्क, एसआईपी के लिए डॉकयुमेंट,SIP के प्रकार, एसआईपी के लिए कोन सा फ़ंड चुने, एसआईपी के लिए याद रखने वाले पॉइंट और एसआईपी बाउन्स होने पर क्या नुकसान हो सकते है |
अगर आपको मेरी यह पोस्ट पसंद आई हो तो आप अपने दोस्तो और जानकारो को यह जरूर शेयर करे ताकि उन्हे म्यूचुअल फ़ंड की एसआईपी के बारे मे जानकारी मिल सके अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो मुझे जरूर अवगत कराए |
अगले पोस्ट मै आपको म्यूचुअल फ़ंड के 12 बेनेफिट्स के बारे मे जानकारी दूंगा |
इस पोस्ट को लास्ट तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद |
नोट –यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियो के आधार पर बनाया गया है ,हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेसियल ऍडवाइज नहीं दी जाती |म्यूचुअल फंड्ज में निवेश करने से पहले निवेशको को सारे दस्तावेज और फंड्स से जुडी सारी जानकारी अच्छी तरह से पढ़ लेनी चाहिए |
Last modified: August 15, 2024