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Credit Card

credit card

Credit card (क्रेडिट कार्ड) एक ऐसा विशेष कार्ड होता है जिसे बैंक आपको धन का इस्तेमाल किए बिना चीजें खरीदने मे उपयोग करने के लिए देता है।

बैंक द्वारा यह तय किया जाता है कि आपको कितना पैसा उधार दिया जा सकता है | यह इस बात पर निर्भर करता है कि अभी आप कितना पैसा कमाते हैं या आपका क्रेडिट स्कोर कैसा है मतलब आप अपना बकाया पैसा चुकाने में कितने अच्छे हैं। 

कार्ड को प्लास्टिक के द्वारा बनाया जाता है और इसका इस्तेमाल चीजें खरीदने मे किया जा सकता है। बैंक कोई भी अतिरिक्त शुल्क लगाने से पहले आपको पैसे वापस चुकाने के लिए कुछ समय देता है | यह समय लगभग 40 से 50 दिन तक का होता है। 

यदि आप इस समय से ज्यादा समय भुगतान करने में लेते हैं, तो बैंक तुरंत अतिरिक्त शुल्क लगा देते हैं जो लगभग आपके बकाया पैसे का 3% हो सकता है।

क्रेडिट कार्ड कहाँ से और कैसे शुरू हुआ ?

1949 में, एक व्यक्ति जिसका नाम फ्रैंक मैकनामारा था वह न्यूयॉर्क के होटल मे खाना खाने के लिए गया। खाना खाने के बाद उसे महसूस हुआ की वह अपना पर्स लाना भूल गया और उसके पास पैसे भी नहीं हैं। 

उसने होटल के मालिक से रिकुएस्ट की और कहा कि वह बिल का भुगतान बाद मे कर देगा और पूछा कि क्या वह बिल पर अपना साइन कर सकता है। लेकिन होटल के मालिक ने उसकी कोई बात नहीं मानी और उसको काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और अपनी मदद के लिए अपनी वाइफ़ तक को बुलाना पड़ा।

घर आने पर उसके मन मे एक विचार आया और उसने सोचा कि एक ऐसा काम किया जाए जो लोगो के लिए मददगार हो | जहां लोग कुछ समय के लिए पैसे उधार ले सकें और बाद में उसका वापस भुगतान कर सकें। 

उसका यह विचार बाद मे एक अमेरिकी क्रेडिट कार्ड कंपनी के रूप मे बन गया जिसका नाम “द डायनर्स क्लब” था | । 1950 में “द डायनर्स क्लब” कंपनी बनने के बाद, 1958 में “अमेरिकन एक्सप्रेस ” नामक कंपनी ने यात्रा और मनोरंजन के लिए एक क्रेडिट कार्ड को बनाया। 

पहले लोगों को यह कार्ड बिलकुल पसंद नहीं आया लेकिन धीरे धीरे समय के साथ वह इसमे दिलचस्पी लेने लगे । बाद मे 18 सितंबर, 1958 को पहला वीज़ा कार्ड को बनाया गया और लगभग 60,000 क्रेडिट कार्ड कैलिफ़ोर्निया के लोगों को डाक द्वारा भेजे गए।इस तरह क्रेडिट कार्ड का आविष्कार हुआ |

भारत में पहला क्रेडिट कार्ड की शुरुआत कब हुई ?

भारत में Credit card (क्रेडिट कार्ड) की शुरुआत तब हुई जब आंध्रा बैंक ने अपना पहला क्रेडिट कार्ड लोगो को पेश किया। 

बाद मे 1985 में कुछ बैंक ने जैसे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, वैश्य बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने सेंट्रल कार्ड को पेश किया। 

लोगों ने क्रेडिट कार्ड को इसलिए उपयोग मे लाना शुरू कर दिया क्योंकि इसमे  रिवार्ड पॉइंट्स ,कैश बैक,पुरस्कार और अन्य लाभ मिलते थे। आज कल लोग हर तरह की चीजों के भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं।

क्रेडिट कार्ड का आवेदन करने के लिए पात्रता क्या है ?

Credit card के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा। क्रेडिट कार्ड के लिए सभी बैंकों के अलग-अलग नियम होते हैं। हमारे देश में क्रेडिट कार्ड लेने के लिए कुछ सामान्य नियम यहां दिए गए हैं।जैसे–
1 आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए |
2 न्यूनतम वेतन कम से कम 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के बीच होना चाहिए।
3 आवेदक की या तो सैलरी आनी चाहिए या उसका अपना रोजगार होना चाहिए |

क्रेडिट कार्ड का आवेदन करने के लिए जरूरी डॉकयुमेंट क्या है ?

स्व-रोज़गार और वेतनभोगी दोनों को क्रेडिट कार्ड का आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी डॉकयुमेंट होते है जिन्हें आपको जमा कराना होता है |
1 आवेदन पत्र
2 पासपोर्ट आकार की फोटो
3 पहचान पत्र का प्रमाण (पैन कार्ड , आधार कार्ड , पासपोर्ट आदि की फोटोकोपी)
4 निवास का प्रमाण पत्र (बिल,वोटर कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस, पैन, आधार, आदि)

नोकरीपेशा के लिए डॉकयुमेंट

नवीनतम वेतन पर्ची (latest salary slips)
फॉर्म 16 (Form 16)
बैंक विवरण (Bank statements)

स्व-रोज़गार के लिए डॉक्युमेंट्स

आय प्रमाण (Income proof)
खातों के स्टेटमेंट (Statement of account)
व्यवसाय का प्रमाण (Proof of business)
यदि आप छात्र क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको आवेदन पत्र के साथ अपना छात्र होने का आईडी कार्ड देना होगा।

क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है ?

Credit card (क्रेडिट कार्ड) एक निश्चित खर्च सीमा के भीतर खरीदारी करने की अनुमति देता है | इसमे आपको मासिक बिल मिलेगा जिसमे आपको क्रेडिट कार्ड द्वारा खर्च का पूरे महीने का विवरण मिलेगा।

आपको हर महीने क्रेडिट कार्ड की शेष राशि का पूरा पेमेंट करना जरूरी होता है अगर आप पूरा पेमेंट नहीं दे पाते तो कम से कम न्यूनतम भुगतान करना जरूरी होता है। 

न्यूनतम भुगतान क्रेडिट कार्ड कंपनी द्वारा निर्धारित होता है |यह आमतौर पर ब्याज शुल्क और वार्षिक शुल्क के साथ बकाया राशि का 3 से 5% तक होता है।

अगर आप पूरे बिल का भुगतान कर देते है तो कोई ब्याज नहीं लगेगा | केवल नकदी निकालने के मामले मे ही आपको ब्याज देना पड़ेगा |

अगर आप पूरा बिल नहीं भरते है तो आपको ब्याज शुल्क देना पड़ेगा। ब्याज की कैलक्युलेशन आपकी खरीदारी करने की तारीख से की जाती है। लेट पेमेंट से बचने के लिए आप बैलेन्स पेमेंट को ऑटोमैटिक डेबिट करने की व्यवस्था कर सकते है जिससे कोई भुगतान छूट न जाए।

Conclusion

इस पोस्ट मे मैंने यह जानकारी देने की कोशिश की कि Credit Card क्या होते है, यह कैसे काम करते है, भारत मे credit card की शुरुआत कैसे हुई | Credit Card किन लोगो का बन सकता है और बनवाने के लिए जरूरी डॉकयुमेंट क्या है |

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो आप अपने दोस्तो और जानकारो को यह जरूर शेयर करे ताकि उन्हे Credit Card के बारे मे जानकारी मिल सके |अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो मुझे जरूर अवगत कराए |

अगले पोस्ट मे Advantage and Disadvantage of Credit Card के  बारे मे आपको जानकारी देने कि कोसिश करूंगा |

इस पोस्ट को लास्ट तक पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद |

नोट –यह आर्टिकल रिसर्च और जानकारियो के आधार पर बनाया गया है ,हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की फाइनेसियल ऍडवाइज नहीं दी जाती | Credit Card लेने या इस्तेमाल करने से पहले निवेशको को सारे दस्तावेज और इससे जुड़ी सारी जानकारी अच्छी तरह से पढ़ लेनी चाहिए |

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Last modified: May 19, 2024

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